तुमसे लागी लगन ले लो

तर्ज:गम दिये मुस्तकिल...
तुमसे लागी लगन ले लो अपनी शरण--पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा।
निशदिन तुमको जपूं पर से नेहा तजूं--जीवन सारा,
तेरे चरणों में बीते हमारा॥ तुमसे लागी...।।१।।

अश्वसेन के राज दुलारे,
वामा देवी के सुत प्राण प्यारे ।
सबसे नेहा तोडा जग से मुख को मोडा--संयम धारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥ तुमसे लागी.।।२।।

इन्द्र और धरणेन्द्र भी आये,
देवी पद्‌मावती मंगल गाये ।
आशा पूरो सदा, दुख नहीं पावे कदा--सेवक थारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥ तुमसे लागी.।।३।।

जग के दुख की तो परवाह नहीं है,
स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है ।
मेटो जामन मरण होवे ऐसा जतन--तारण हारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥ तुमसे लागी.।।४।।

लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊं,
जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊं।
पंकज व्याकुल भया, दर्शन बिन ये जिया--लागे खारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥ तुमसे लागी.।।५।।