प्रभास कूट

सुपार्श्वनाथ जिनराज का,
प्रभास कूट है जेह ।
मन वच तन कर पूजहूूँ ,
शिखर सम्मेद यजेह ।।

ओं ह्रीं श्री सुपार्श्व जिनेंद्रादी मुनी ४९ कोड़ा कोड़ी ८४ करोड़ ७२ लाख ७ हजार ७४२ मुनी इस कूट से मोक्ष पधारे तिनके चरणारबिंद को मेरा मन वचन काय से बारंबार नमस्कार हो ।