इष्ट प्रार्थना

भावना दिन रात मेरी, सब सुखी संसार हो ।

सत्य संयम शील का, व्यवहार हर घर बार हो।।


धर्म का परचार हो, अरु देश का उद्धार हो ।

और ये उजड़ा हुआ, भारत चमन गुलजार हो ।।


ज्ञान के अभ्यास से, जीवों का पूर्ण विकास हो ।

धर्मं के परचार से, हिंसा का जग से ह्रास हो ।।


शांति अरु आनंद का, हर एक घर में वास हो ।

वीर वाणी पर सभी, संसार का विश्वास हो ।।


रॊग अरु भय शोक होवें, दूर सब परमात्मा ।

कर सके कल्याण ज्योति, सब जगत की आत्मा ।।